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बल्ब का अबिष्कार कैसा हुआ था | Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya 2023

Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya

हेल्लो दोस्तों आज के इस आर्टिकल हम आपको बताएगे के Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya था पहले जब बल्ब का अबिष्कार हुआ नहीं था पहले लोग रौशनी के लिए दिया मशाल और मोमबत्ती का इस्तेमाल किया करते थे। लेकिन बल्ब अबिष्कार होने से संसार की तस्वीर बदल गई हैं बल्ब की वजह से जो काम हम रात में रात मे नहीं कर सकते थे वो काम आज संभव हो चुके हैं जो कि पहले दिन के समय में हो ही नहीं सकते थे। परन्तु अब काम हम रात में भी कर सकते हैं। आप जानना चाहेगे बल्ब का आविष्कार किसने किया था, बल्ब बनाने का प्रयास बहुत से वैज्ञानिको ने किया था लेकिन वो बल्ब बनाने मे असफल रहे। अगर आप जानना चाहो बल्ब का अबिष्कार किसने किया यह जानने के लिए आपको हमारा आर्टिकल अंत तक पढना होगा।

हम आपको बता दें बल्ब एक काँच का गोला होता है। बल्ब में टंगस्टन का तंतु लगा होता है जब टंगस्टन में बिजली प्रवाहित की जाती है तो यह कुछ ही देर में गर्म हो जाता है गर्म होने के बाद ये प्रकाश उत्पन करता है बल्ब में बिजली प्रभाहित करने के लिए दो तार दिए होते हैं। थॉमस ऐल्वा एडीसन महान वैज्ञानिक थे उन्होंने केबल बल्ब का अबिष्कार ही नहीं किया बल्कि इसके आलावा भी अन्य अबिष्कार किये जिनमे मोशन पिक्चर कैमरा कार्बन टेलीफोन ट्रांसमीटर एल्कलाइन स्टोरेज बैटरी और ग्रामोफोन जैसे अन्य अविष्कार भी शामिल है।

बल्ब का अबिष्कार किसने किया ?

सन 1879 बल्ब का अबिष्कार थॉमस ऐल्वा एडीसन (Thomas Alva Edison) ने किया था। थॉमस ऐल्वा एडीसन उस समय के एक जाने माने वैज्ञानिक हुआ करते थे। इन्होने कार्बन फिलामेंट लाइट बल्ब का अविष्कार किया था। जिसमे कि बिजली के तारो को जोड़ने से तार गर्म होकर बल्ब को जलाने लगता था। उन्हें बल्ब का अबिष्कार करने मे लगभग डेढ़ साल का समय लगा था और जब अबिष्कार होने के बाद ये बल्ब को जलाया गया तो तक़रीबन 13 घण्टे से भी ज्यादा समय तक बल्ब जला था उन्होंने बल्ब का तो अबिष्कार किया ही था साथ साथ इसके अलावा कई प्रकार के छोटे-बड़े उपकरणों का अबिष्कार भी किया जैसे ग्रामोफोन, मोशन पिक्चर कैमरा, कार्बन टेलीफोन ट्रांसमीटर एल्कलाइन, स्टोरेज बैटरी आदि। इन सभी यंत्रों का एडिसन के नाम पर पेटेंट बुक है।

एडिसन ने विश्व का पहले बल्ब का पेटेंट अपने नाम कराया इस अनोखे अबिष्कार को करने के लिए लगभग डेढ़ साल का समय लगा था। एडिसन से पहले भी काफी सारे वैज्ञानिको ने इस पर रिसर्च व प्रयोग किये थे इसी कारण से एडिसन को काफी मदद भी मिली थी। पेटेंट का नाम इम्प्रूवमेंट इन इलेक्ट्रिक लाइट्स के नाम से 14 अक्टूबर 1878 में करवाया था। डेढ़ साल के इस रिसर्च पर कई धातुओं का उपयोग किया जैसे कार्बन प्लैटिनम का इस्तेमाल किया। प्लैटिनम धातु के उपयोग से बल्ब की रौशनी 12 घंटे तक तो हो जाती थी। लेकिन प्लैटिनम बल्ब का प्रयोग काफी महंगा पड़ा था। उनके कई प्रयोग से उन्हें कार्बन फिलामेंट के धातु के इस्तेमाल से उनका प्रयोग सफल रहा।

बल्ब का अबिष्कार कैसा हुआ था?

विधुत के इस्तेमाल से रौशनी पैदा करने का ख्याल सबसे पहले महान वैज्ञानिक में से एक Humphrey Davy के मन में आया था। जब विधुत को तारों के माध्यम से प्रवाह किया जाएगा तब वो तार गर्म होकर रौशनी पैदा करता है। Humphrey Davy ने भी थॉमस अल्वा एडिसन के बल्ब का अबिष्कार करने से पहले कुछ रौशनी पैदा करने वाले उपकरण तैयार किए थे लेकिन उनके द्वारा तैयार किए गए बल्ब कुछ घंटे ही जल पाते थे। इसके बाद थॉमस एडिसन ने बल्ब का अबिष्कार किया और उन्होंने अपने अबिष्कार को सफल बनाने के लिए कई बार कोशिश की और आखिरकार थॉमस एडिसन ने सन 1879 को बल्ब तैयार कर ही दिया और अपना यह अविष्कार पूरी दुनिया के सामने पेश किया था। थॉमस एडिसन द्वारा बनाया गया बल्ब लगभग 40 घंटे जलता रहा और इसको एक सफल बल्ब अबिष्कार घोषित किया गया था। सही मायने में बल्ब का अविष्कार थॉमस एडिसन का माना जाता है। उन्होंने बल्ब के आविष्कार के साथ साथ बल्ब के डिजाइन का भी पूरा ख्याल रखा जिसके चलते बल्ब बनकर तैयार हुआ था।

बल्ब कितने प्रकार के होते हैं?

वैसे तो मार्किट में बहुत प्रकार के बल्ब मौजूद हैं लेकिन उनमे सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले बल्ब के बारे में आपको निचे बताया गया है।

Fluorescent lamps(प्रतिदीप्त बल्ब)

कुछ वस्तुएं इस प्रकार की होती हैं जो ठंडी अवस्था में ही प्रकाश को उत्पन्न करती हैं। उन्हें प्रतिदीप्त बल्ब कहा जाता हैं यह प्रकाश जिस स्रोत में उत्पन्न होता है। उसमें इलेक्ट्रान उष्मा उत्पन्न करने पर निम्न दाब वाले गैस के अणुओं पर प्रहार करने लग जाते हैं। जिसके फलसवरूप प्रकाश उत्सर्जित होने लग जाता है। प्रतिदीप्त प्रकाश जो है ठंडा होता है और उद्दीप्त प्रकाश से कम विद्युत प्रयोग भी करता है।

Fluorescent lamps

Incandescent bulbs (विद्युत बल्ब)

Incandescent bulb को Incandescent lamp के नाम से भी जाना जाता है Incandescent bulb मे जब धारा प्रवाह पूरा होता है तो ये पहले यह गर्म होता है और उसके बाद प्रकाश को उत्पन्न करता है। इस प्रकार से गर्म होकर प्रकाश उत्पन्न करने की प्रक्रिया तापदीप्ति कहलाती है तथा जो माध्यम या उपकरण विद्युत प्रकाश प्रकाश उत्पन्न करता है उसे ही विद्युत बल्ब (Incandescent Lamp Bulb) कहते हैं।

Incandescent bulbs

Light Emitting Diode (LED)

साल 2014 में कम ऊर्जा देश सफेद रोशनी देने वाली LED (light emitting diode) के लिए तीन वैज्ञानिको को Nobel prize से सम्मानित किया गया है। इन तीन वैज्ञानिको में शामिल हैं Hiroshi Amano, Professor Isamu Akasaki और Shuji Nakamura. Blue LED Light एक Light स्पेक्ट्रम सीमा होती है जिसे 440 नैनोमीटर से 525 नैनोमीटर के वेवलेंथ के रूप में परिभाषित किया जाता है

Light emitting diode

Halogen Bulbs

Halogen bulb Incandescent bulb की श्रेणी का एक नवीनतम बल्ब है जो साधारण बल्ब की अपेक्षा मे काफी अच्छा होता है। निष्क्रिय गैस जैसे Argon तथा N2 के साथ थोड़ी मात्रा में हैलोजन गैस भर देने से टंगस्टन का बाष्पीकरण लगभग रुक जाता है क्योंकि रासयनिक क्रिया के द्वारा टंगस्टन की वाष्प फिलामेंट मे वापस चली जाती है।

Halogen bulbs

एडिसन कौन थे?

एडिसन का पूरा नाम थॉमस ऐल्वा एडीसन (Thomas Alva Edison) था एडीसन का जन्म 11 फरवरी 1847 ई. अमेरिका के मिलन ओहिओं के एक निर्धन परिवार में हुआ था। एडिसन एक बहुत महान वैज्ञानिक थे उन्होंने विश्व को संगीत दिया प्रकाश दिया बोलने वाली तस्वीरे दीं। इनका बचपन बहुत गरीबी में गुजरा एडिसन समय को पैसा और मेहनत को सफलता और सयुंक्त कहते थे। बल्ब की खोज इनकी सबसे बड़ी खोज मानी जाती है एडिसन बल्ब बनाने में 10 हजार से ज्यादा बार असफल हुए थे पर इन्होने हार नहीं मानी और अंत में बल्ब की खोज कर पूरी दुनिया को रोशन कर दिया।

निष्कर्ष

इस आर्टिकल में हमने आपको बल्ब का आविष्कार किसने किया इसके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कि और साथ ही साथ हमने आपको यह भी बताया बल्ब का आविष्कार किसने किया और कब हुआ इसके बारे में जानकारी दी। आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। धन्यवाद।

बल्ब के बारे मे FAQ

  1. प्रतिदीप्त बल्ब क्या है?

प्रतिदीप्त बल्ब एक विद्युतीय उपकरण है जो विद्युत ऊर्जा को प्रकाश में बदलता है। यह एक प्रकार की बत्ती है जो पारंपरिक बत्तियों के मुकाबले अधिक ऊर्जा कुशलता और जीवनकाल में लंबे समय तक चमकती रहती है।

  1. प्रतिदीप्त बल्ब कैसे काम करती है?

प्रतिदीप्त बल्ब में एक विशेष प्रकार का फिलामेंट होता है जो गरम होते ही प्रकाशित होने लगता है। इसमें विद्युत की ऊर्जा एक अर्ध-चालक माध्यम के माध्यम से बत्ती के फिलामेंट को पहुंचती है और उसे गरम करती है, जिससे इससे प्रकाशित होता है।

  1. प्रतिदीप्त बल्ब के विभिन्न प्रकार क्या हैं?

प्रतिदीप्त बल्बें कई प्रकार की होती हैं, जैसे कि LED (Light Emitting Diode), CFL (Compact Fluorescent Lamp), और स्मार्ट बल्बें। इनमें से प्रत्येक का अपना तरीका होता है ऊर्जा को प्रकाश में बदलने का।

  1. LED और CFL में अंतर क्या है?

LED और CFL दोनों ही प्रतिदीप्त बल्ब के प्रकार हैं, लेकिन उनमें अंतर है। LED बल्बें छोटी होती हैं, ऊर्जा कम खर्चती हैं, और जीवनकाल में अधिक समय तक चमकती रहती हैं। वहीं, CFL बल्बें थोड़ी बड़ी हो सकती हैं और गरम होने में कुछ समय लगा सकती हैं, लेकिन ये भी ऊर्जा कुशलता में बेहतर हो सकती हैं।

  1. प्रतिदीप्त बल्बें कितने प्रकार की होती हैं?

प्रतिदीप्त बल्बें कई प्रकार की होती हैं, जैसे कि आम बल्ब, ट्यूब लाइट्स, डेस्क लैंप्स, फ्लड लाइट्स, और स्मार्ट बल्बें। इनमें से प्रत्येक का अपना विशेषता होती है और विभिन्न उपयोग के लिए डिज़ाइन की जाती है।

  1. प्रतिदीप्त बल्बें के लाभ क्या हैं

प्रतिदीप्त बल्बें कई लाभ प्रदान करती हैं, जैसे कि कम ऊर्जा खर्च, लंबी जीवनकाल, और त्वरित प्रकाशन। इनका इस्तेमाल करके घरों और उद्योगों में ऊर्जा की बचत होती है और पर्यावरण को भी बचाव मिलता है।

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